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बैटरी निगलने की आपात स्थिति – एक सच्ची घटना जो सभी माता-पिता को जाननी चाहिए!

बच्चे स्वभाव से जिज्ञासु होते हैं और चीजों को मुंह में डालकर देखने की उनकी आदत कई बार गंभीर खतरे का कारण बन सकती है। एक छोटी-सी लापरवाही किसी बड़े हादसे का रूप ले सकती है, खासकर जब बात बैटरी निगलने की हो। हाल ही में हमारे अस्पताल में एक ऐसा ही मामला सामने आया, जहाँ एक मासूम बच्चे ने खेलते-खेलते बटन बैटरी निगल ली। यह एक खतरनाक स्थिति थी, लेकिन सही समय पर इलाज मिलने से उसकी जान बच गई। इस ब्लॉग में हम इस घटना की पूरी जानकारी देंगे और यह समझने में मदद करेंगे कि माता-पिता ऐसी स्थिति में क्या करें और कैसे इसे रोका जा सकता है।

जब एक बच्चे ने निगल ली बैटरी – एक सच्ची घटना

4 साल का एक बच्चा अपने घर में खेल रहा था। खेल-खेल में उसने छोटे आकार की एक बटन बैटरी उठा ली और जिज्ञासावश उसे निगल लिया। कुछ ही मिनटों में बच्चा असहज महसूस करने लगा, और रोने लगा। परिवार को पहले समझ नहीं आया कि क्या हुआ, लेकिन जब बच्चा बार-बार गले में दर्द की शिकायत करने लगा और कुछ निगलने में दिक्कत होने लगी, तो उन्हें संदेह हुआ। तुरंत उसे अस्पताल लाया गया, जहाँ एक्स-रे से पता चला कि बैटरी उसके शरीर में अटक गई है। अगर इसे तुरंत न निकाला जाता, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्या का कारण बन सकती थी।

बैटरी निगलने से होने वाले खतरे

बटन बैटरियाँ या अन्य छोटी बैटरियाँ जब शरीर में जाती हैं, तो वे रासायनिक प्रतिक्रिया (Chemical Reaction) शुरू कर सकती हैं, जिससे गंभीर नुकसान हो सकता है।

संभावित खतरे:

  • आहार नली (Esophagus) या पेट में जलन और छाले
  • ऊतकों (Tissues) में छेद हो सकता है
  • आंतरिक रक्तस्राव (Internal Bleeding) का खतरा
  • सांस की नली में अटकने से दम घुटने की स्थिति
  • पेट या आंतों में संक्रमण या गंभीर क्षति

यह स्थिति इतनी खतरनाक होती है कि अगर बैटरी कुछ घंटों तक शरीर में बनी रहे, तो यह जानलेवा साबित हो सकती है।

बैटरी निगलने की स्थिति में तुरंत क्या करें?

अगर बच्चा बैटरी निगल ले तो घबराने की बजाय इन महत्वपूर्ण स्टेप्स को फॉलो करें:

क्या करना चाहिए?

  • बच्चे को शांत रखें और घबराएँ नहीं।
  • तुरंत डॉक्टर या नजदीकी अस्पताल जाएं।
  • डॉक्टर को बैटरी के आकार और प्रकार के बारे में बताएं।
  • एक्स-रे या एंडोस्कोपी के माध्यम से बैटरी की स्थिति की जाँच करवाएँ।
  • जल्द से जल्द बैटरी निकालने की प्रक्रिया शुरू करें।

क्या नहीं करना चाहिए?

  • बच्चे को उल्टी करवाने की कोशिश न करें।
  • दूध, पानी या अन्य तरल पदार्थ न पिलाएँ (बिना डॉक्टर की सलाह के)।
  • बैटरी निकालने के लिए घरेलू उपाय न अपनाएँ।
  • इलाज में देरी न करें, क्योंकि समय बहुत महत्वपूर्ण है।

कैसे सुरक्षित बाहर निकाली गई बैटरी?

डॉक्टरों की टीम ने बिना किसी सर्जरी के एंडोस्कोपी (Endoscopy) की मदद से बैटरी को सुरक्षित बाहर निकाला। यह एक न्यूनतम दर्द वाली प्रक्रिया थी, जिसमें बच्चे को पूरी तरह बेहोश किया गया ताकि उसे कोई असुविधा न हो।
अगर इसमें देरी होती, तो बैटरी से शरीर के ऊतकों को नुकसान हो सकता था, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो सकती थी।

माता-पिता के लिए ज़रूरी सावधानियाँ

प्रारंभिक मूल्यांकन (Initial Assessment):

बैटरी निगलने की घटनाएँ अक्सर 6 महीने से 5 साल की उम्र के बच्चों में देखी जाती हैं। इसलिए, माता-पिता को पहले से सतर्क रहने की जरूरत है।

कैसे रखें बच्चों को सुरक्षित?

  • छोटी बैटरियाँ बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
  • बैटरी वाले खिलौनों को सुरक्षित तरीके से बंद करें।
  • रिमोट, घड़ी, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की
  • बैटरी ढीली न रहने दें।
  • अगर कोई बैटरी गायब हो जाए, तो तुरंत चेक करें कि कहीं बच्चे ने निगल तो नहीं ली।
  • अगर बच्चा अचानक असहज हो जाए और निगलने में दिक्कत हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

निष्कर्ष (Conclusion):

यह घटना हमें सिखाती है कि बच्चों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। जरा-सी लापरवाही किसी बड़ी दुर्घटना में बदल सकती है। इसलिए माता-पिता को हमेशा सतर्क रहना चाहिए और आपातकालीन स्थिति में सही कदम उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए।
अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे अधिक से अधिक माता-पिता और अभिभावकों तक पहुँचाएं। ताकि वे भी इस गंभीर समस्या से सतर्क रह सकें और अपने बच्चों को सुरक्षित रख सकें।
जागरूक रहें, सतर्क रहें, और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें!

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